आज हम एक ऐसे टॉपिक पर बात करने जा रहे है जो की कई दसको से विवादित रहा है आखिर क्या है इसकी सच्चाई बताएंगे हम ईस प्यारे से सफर मे आज हम ram mandir full history के बारे बात करेंगे की आखिर किस चीज का विवाद था जो की इतने सालों से चल रहा है और दो समुदाय (हिन्दू -मुस्लिम ) आपस मे कट्टरता के नजरिया से देखता हैं आज हम इसी का पूरा analisis करेंगे
ram mandir full history
इसमे हम 528 से लेकर 2024 तक के ram-mandir-full-history के बारे मे बताने वाले है |
वर्ष 1528
मुगल बादशाह बाबर के सिपहसालार मीर बाकी ने साल 1528 मे उस जगह पर एक मस्जिद का स्थापित किया जिसमे 3 गुंबदे था उस टीमे हिन्दू लोग दावा कर रहे थे की जिस जगह ये मस्जिद है वहा पर भगवान श्री राम का जन्म स्थान है जो की पूरी तरह गलत है हिन्दुओ के द्वारा इसका विरोध किया गया
वर्ष 1853-1949
साल 1853 मे उस विवादित के कुछ दूरी पर ईस विवाद के कारण दंगे हुए इसी विवाद को देखते हुए अंग्रेजी शासन ने उस जगह पर बाड़ लगाकर मुस्लिम को उस ढांचे के अंदर तथा हिन्दू पक्ष के लोगों को बाहर बने चबूतरे पर पूजा करने को कहा गया था
साल 1949
इसका सबसे प्रमुख विवाद 23 दिसंबर 1949 को सामने आया जब प्रभु श्री राम की मूर्तियाँ मस्जिद मे देखने को मिला | एस पर हिन्दू पक्ष के लोगों का कहना था की भगवान श्री राम की मूर्तियाँ प्रकट हुआ है दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष के लोगों का कहना यह था की रात के अंधेरे मे वहा मूर्तियों को रख दिया गया है |उस समय यूपी के सरकार ने मूर्तियों को वहा से हटाने का आदेश दे दिया लेकी वहा के डीएम KK nayar ने सरकार की बातों को नहीं माना उसने यह सोचा की भावनाओ को ठेस पहुचेगा परंतु सरकार ने इसको विवादित ढ़ाचा मानकर इसपर ताला लगा दिया
साल 1950
यह एक ऐसा साल था जब फैजाबाद सिविल कोर्ट मे 2 अर्जी दायर किया गया जिसमे पहला अर्जी ये किया गया रामलला की पूजा हेतु कोर्ट से इजाजत मांग तथा दूसरा उस विवादित जगह पर भगवान राम की मूर्तियों को रखने का अनुमति मांग आगे चलकर 1959 मे निर्मोही अखारा ने अपनी 3री अर्जी दायर किया
साल 1961
वर्ष 1961 मे यूपी वक्फ बोर्ड ने एक अर्जी दाखिल कर मांग किया की उस विवादित जगह से मूर्तियों को हटा दिया जी
साल 1984
साल 1984 मे विश्व हिन्दू परिषद के एक कमिटी का गठन किया गया और विवादित गजह यानि ढांचे की जगह पर मंदिर बनाने की मांग किया
साल 1986
UC Pandey के याचिका पर 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद के जज KM Pandey ने हिन्दुओ को पूजा करने की अनुमति दे दिया ढांचे पर लगे ताला को भी खोलने का सख्त आदेश दिया
साल 1992
6 दिसंबर 1992 को वीएचपी और शिवसेना समेत दूसरे हिंदू संगठनों के लाखों कार्यकर्ताओं ने विवादित ढांचे को गिरा दिया जिससे देश भर मे सांप्रदायिक दंगे भरक गए एस दंगा मे करीब 2 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना जान गवा दिया |
साल 2002
एस साल हिंदू कार्यकर्ताओं को लेकर जा रही चलती ट्रेन में गोधरा में आग लगा दी गई जिससे 58 लोगों की जलकर मौत हो गया और इसी वजह से गुजरात मे दंगे हुए जिसमे करीब 2 हजार लोग मारे गए |
साल 2010
इस बर्ष इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना एक फैसला सुनाया जिसमे बोला की विवादित जगह को 3 बराबर -बराबर भागों मे बाटकर सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा को दे दिया जी
साल 2011
इस साल सुप्रीम कोर्ट ने 2010 के अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा लिए गए फैसले पर रोक लगा दिया और विवाद और बढ़ने लगा
साल 2017
6 साल के लंबे अरशे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट का आह्वान किया गया
साल 2019
8 मार्च 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा गया की । पैनल को 8 सप्ताह के अंदर इस कार्यवाही खत्म करने को कहा| फिर 1 अगस्त 2019 को मध्यस्थता के पैनल ने कोर्ट मे अपना रिपोर्ट प्रस्तुत किया | फिर 2 अगस्त 2019 को सुप्रीम कॉर्न ने यह कहा की मध्यस्थता पैनल इसका समाधान नहीं निकाल पाया | इसके बाद 6 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने ईस मामले रोजाना सुनवाई शुरू किया
ईस पर 16 अक्टूबर 2019 को एस मामले पर सुनवाई पूरी कर लिया गया अतः 16 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने ram mandir के पक्ष मे फैसला सुनते हुए बोल की 2.77 एकड़ जमीन विवादित जमीन हिन्दू पक्षों को दिया जी जिससे यह साफ हुआ की भगवान Ram की जन्म स्थान वही है और मुस्लिम पक्षों को मस्जिद के लिए किसी और जगह 5 एकड़ जमीन दिया जाय
साल 2020
25 मार्च 2020 को करीब 28 साल बाद भगवान रामलला टेंट से निकालकर फाइबर से बने मंदिर मे सिफ्ट कीये गए फिर इसके करीब 5 महीने बाद 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमि पूजन कार्यक्रम किया गया जिसमे पीएम नरेंद्र मोदी, आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और साधु-संतों समेत 175 लोगों सामिल हुए थे
साल 2024
राम लला को 22 जनवरी 2024 को गर्भ गृह मे पूरी प्राण प्रथिसटा से बिराजमान होने हेतु ईस कार्यमक्रम के लिए करीब 6000 निमंत्रण भेजे गए है और जिसके लिए देश मे Ram mandir को लेकर हिन्दुओ मे आस्था का जबरदस्त नमूना देखने को मिल रहा है | देश भर मे खुशी की लहर सी फैल गया है ईस दिन लोग दीया जलाकर भगवान राम का स्वागत की तैयारी मे लगे है |
राम मंदिर का रूपरेखा (Animation )
Ram Mandir का लागत क्या है ?
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, जो मंदिर के निर्माण के लिए जिम्मेदार है, ने शुरू में लागत का अनुमान 1,800 करोड़ रुपये (लगभग 220 मिलियन डॉलर) लगाया था। इस आंकड़े में निर्माण, सामग्री, मशीनरी, श्रम और अन्य प्रशासनिक खर्चों की लागत शामिल है।
Ram Mandir का निर्माण कार्य कब स्टार्ट हुआ ?
अयोध्या में Ram mandir के निर्माण की शुरुआत के लिए 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन किया गया था.
मेरा Ram mandir पर प्रयास आपको कैसा लगा कमेन्ट मे जरूर बताए